छत्तीसगढ़ प्रादेशिक

युक्तिकरण को लेकर संचालक स्तरीय बैठक में छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ ने रखा शिक्षकों का पक्ष

संचालक एवं सचिव स्तरीय बैठक में छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ ने अपना स्टैंड स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रदेश में सबसे पहले पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी हो उसके बाद ही युक्तिकरण की प्रक्रिया की जावे बैठक में लोक शिक्षण संचनालय के समक्ष अपना स्पष्ट सुझाव रख दिया है। प्रदेश में शिक्षकों कि अगर पदोन्नति होती है तो युक्तियुक्तकरण की आवश्यकता कम हो जाएगी, क्योंकि पदोन्नति के बाद युक्तियुक्तकरण करने से पुनः अतिशेष की स्थिति निर्मित होगी।

संचालक एवं शिक्षा सचिव के साथ बैठक में छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ की ओर से प्रांतीय महामंत्री उमेश भारती गोस्वामी ने तीन बिंदुओं पर युक्तियुक्तकरण के संबंध में अपना पक्ष रखा। बैठक में प्रांतीय महामंत्री उमेश भारती गोस्वामी द्वारा रखे गए प्रस्ताव के संबंध में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के प्रवक्ता नरेंद्र सिंह ठाकुर ने सुझाव के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि.. प्रदेश के सभी शिक्षक संवर्ग की लंबित समस्त पदोन्नतियां (प्राचार्य से लेकर प्राथमिक प्रधान पाठक तक) पहले कर लिया जाए तो युक्तियुक्तकरण की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। 2008 के सेटअप के अनुसार ही युक्तियुक्तकरण में अतिशेष का निर्धारण किया जाए। न्यूनतम सेटअप P/s 1+2, M/s 1+4, H/s 1+6, Hss 1+11 इससे अधिक हो तो दर्ज संख्या के मान से आतिशेष की श्रेणी में होंगे।

वर्ष 2022 और 23 में सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला, उच्च वर्ग शिक्षक तथा उच्च वर्ग शिक्षक से प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला पदोन्नति हुई है 2008 के विभागीय संरचना के आधार पर।

2020 से 2023 के दौरान व्याख्याता और शिक्षक की सीधी भर्ती भी बिना रिक्त पदों को ध्यान में रखे की गई है और दबाव पूर्वक कार्यभार भी ग्रहण कराया गया है। परीवीक्षा अवधि वाले शिक्षकों की गणना भी अतिशेष में होनी चाहिए। जिसके चलते आज वरिष्ठ शिक्षक, जो सेवानिवृत्ति के कगार पर है, अतिशेष की श्रेणी में है।

शिक्षा सचिव ने कहा कि पदोन्नति नहीं रूकेगी, परंतु युक्तियुक्तकरण को रोक पाना संभव नहीं है। युक्तियुक्तकरण निर्धारित सेटअप के अनुसार होगा। 2008 के सेटअप के अनुसार युक्तियुक्तकरण करने हेतु कोई आश्वासन प्राप्त नहीं हुआ। स्कूलों का मर्ज भी निर्धारित नियम के अनुसार होगा, इससे शिक्षा में गुणवत्ता आयेगी। प्रधान पाठक के पद समाप्त नहीं होंगे। परीवीक्षा अवधि वाले शिक्षकों के अतिशेष गणना पर भी आश्वासन नहीं मिला। उन्होंने इतना अवश्य कहा कि वार्ता से समाधान संभव है। आंदोलन, हड़ताल ही विकल्प नहीं है।

इस बैठक होने के छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के अध्यक्ष ठाकुर ओंकार सिंह के द्वारा मुख्यमंत्री को 12 अगस्त को पत्र लिखते हुए युक्तियुक्तकरण के संबंध में विसंगतियां दूर करने का आग्रह किया था इसी के परिणाम स्वरूप यह बैठक आयोजित की गई थी, लोक शिक्षण संचनालय के द्वारा मान्यता प्राप्त संगठनों एवं अन्य अन्य शिक्षक संगठनों को भी आमंत्रित किया था।

    Related Articles

    Leave a Reply

    Back to top button

    Discover more from THE PUBLIC NEWS

    Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

    Continue reading

    Subscribe